World Cup में 1.5 करोड़ रुपये जीतने वाले दारोगा की नौकरी क्यों खतरे में आई?

क्या है पूरा मामला?

दरअसल महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले पिंपरी चिंचवड क्षेत्र के एक दारोगा जिनका नाम है सोमनाथ जेडे। वो क्रिकेट खेलने के और क्रिकेट देखने का शौकीन है। वर्ल्ड कप 2023 में उन्होंने अपनी किस्मत चमकाने की कोशिश की। पुलिस कर्मी ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के बाद मंच ड्रीम 11 में एक गेम खेला और उनको पुरस्कार के रूप में ₹1,50,00,000 मिले। यानी एक गेम में टीम बनाई और उसके बाद 1,50,00,000 जीते। रकम जीतने पर जेंडे ने अपने लोन और अन्य देनदारियों के भुगतान को लेकर उन्होंने दावा किया कि वो इससे वो सब पूरा कर डालेंगे। इस इनाम जीतने की खबर जैसे ही उनके अधिकारियों को लगी, उनके कान खड़े हो गए। दरअसल उन पर आरोप है कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरती और ये गेम खेलने में व्यस्त रहे। ऐसे में उन पर कार्रवाई बनती और यही कार्रवाई करते करते उनको अब फ़िलहाल तो निलंबित कर दिया गया है लेकिन विभागीय जांच चल रही है और माना जा रहा है और इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है उनका नौकरी से निकलना तय है यानी बर्खास्त किया जा सकता है।

2,00,000 से ज्यादा 1 दिन में नहीं निकाल सकते

दरअसल मुश्किल केवल इतनी नहीं जब इनाम जीते बेहद खुश हुईं, लेकिन उनके ऊपर सिर्फ ₹2,00,000 निकालने का पात्र निकले हैं। विशेष रूप से सरकारी नौकरी और नियमों के अनुसार क्योंकि जितनी भी वो पैसा निकाल सकते हैं उसकी जानकारी उन्हें सरकार को देनी होती है और ऐसे में वो 2,00,000 से ज्यादा 1 दिन में नहीं निकाल सकते।

सुप्रीम कोर्ट की भी ऐसे गेम्स को अनुमति

दरअसल इसकी परेशानी एक और भी है। तमाम लोग इस बात की निंदा कर रहे हैं की ये खेल एक नशा है और पुलिसकर्मी को ऐसा नशा नहीं करना चाहिए। इसको लेकर के एक जवाब देते हुए कहा है कि खेलते समय वो ना सिर्फ अपनी शिफ्ट पूरी होने के बाद ही खेलते थे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खेलने के लिए कानूनी सीमाओं के भीतर ही थी। यानी उन्होंने कोई ट्रेस पासिंग नहीं की क्योंकि सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे गेम्स की अनुमति दे चुका है और उन्हें दर्जा मिला हुआ है। आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार सतर्क हो गई। वहीं पुणे मिरर की एक खबर के मुताबिक, जिन्होंने कहा है कि मुझे इस ऑनलाइन गेम के बारे में टेलीविजन विज्ञापन के जरिए पता चला। इस गेम को खेलने के खिलाफ़ कोई विशेष प्रतिबंध है या कानून नहीं है और मैंने इसे केवल अपने ऑफ ड्यूटी के दौरान खेला। ये पहली बार जब मुझे इतना बड़ा इनाम मिला है, इससे पहले वो छोटे छोटे इनाम जीते रहते थे लेकिन अब उन्हें ₹1,50,00,000 का एक जैकपॉट लग गया। इसके अलावा लोग फिर भी जेंडे की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं और सवाल उठा रहे हैं। लोगों ने  एक जुआ खेलने वाले खेल का बढ़ावा देने वाली बात कही है और उनके ऊपर आरोप लगाए हैं की फंतासी खेल कौशल का खेल नहीं है।

राजनेता भी अब बयानबाजी

ये एक अवैध रूप से जुआ है। वहीं पुलिसकर्मी की जीत के तर्क से राजनेता भी अब बयानबाजी करने लगे। बीजेपी के अमूल ने के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि ड्यूटी पर मोबाइल का इस्तेमाल करना नैतिकता के खिलाफ़ है। ये भी आरोप लगाया है कि स्पष्ट रूप से जुएं को बढ़ावा दे रहे थे जो कि उनके और उनके विभाग के कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता को खराब रौशनी में रखता है। यानी उनकी छवि को खराब करता है। लेकिन इसके कारण उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। इस बात की आशंका भी बढ़ गई क्योंकि नियमों का उल्लंघन करने और पुलिस विभाग को बदनाम करने के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है। साथ ही जांच बैठाई दी है।

परिवार और दोस्त खुश

सी सोमनाथजी ने महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस कमिश्नरेट में कार्यरत हैं और इस महीने की 10 तारीख को वो ड्यूटी पर थे और इसी दौरान इंग्लैंड और बांग्लादेश का मैच चल रहा था, जिसमें उन्होंने सट्टेबाजी के ऐप पर टीम बनाई थी और उसमें हिस्सा लिया। इसी में उन्होंने ₹1,50,00,000 जीते, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर नहीं टिक पाई और फैन्टैसी गेम के चलते उनकी अब नौकरी खतरे में आ चूके हैं। वहीं उनके परिवार और दोस्त खुश हैं, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। क्योंकि अब ना सिर्फ वो सरकार के निशाने पर है बल्कि अधिकारियों को भी उन्हें जवाब देना पड़ रहा है। अब निलंबन की अवधि कितनी लंबी रहेगी? और क्या वो इस वक्त पूरी राशि का लाभ उठा पाएंगे, ये देखने वाली बात होगी।

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